Flowers and Fragrances

Flowers and fragrance and their basics

सफेद फूलों की श्रृंखला में आज जूही का फूल और उसके विषय मे कुछ तथ्य-
जूही के फूल का जन्म भारत के विभिन्न हिस्सों में है और जैस्मिन नाम अरब के यास्मीन नाम से लिया हुआ है।
जूही का बोटानिकल नाम जैस्मिन ऑफिसिनेल है व अंग्रेजी में इसे Comman jasmine या Poet's jasmine भी कहते हैं।
जूही का फूल सफेद और बहुत छोटा होता है और इसकी खुशबू हल्की मीठी और मादक होती है जूही को कहीं-कहीं पहाड़ी चमेली भी कहा जाता है .इसका पौधा बहुत घना होता है और इस फूल की खूबसूरत बात यह है कि यह शाम 6:00 से 8:00 के बीच खिलता है और अंधेरे में इसकी खुशबू बहुत तेजी से फैलती है. हिंदू धर्म में इस फूल का संबंध भगवान शिव तथा भगवान विष्णु के साथ माना जाता है .
खुशबूदार होने की वजह से इसे घर के अंदर भी लगाया जाता है .इसके फूलों का सत जैसमिन ऑयल को बनाने के लिए इस्तेमाल होता है . जिससे क्रीम शैंपू साबुन और इत्र भी बनता है .
इन फूलों पर प्रयोग खुशबूदार चाय बनाने के लिए भी किया जाता है. अरोमा थेरेपी में इसके तेल का प्रयोग शारीरिक दर्द निवारण के लिए किया जाता है ।
छोटे कीड़ों के लिए परागण व भोजन की व्यवस्था भी करते हैं।
जूही के फूलों की व्यावसायिक खेती भारत के विभिन्न हिस्सों जैसे बेल्लारी, बंगलुरु, कोयम्बटूर, जौनपुर, ग़ाज़ीपुर, कन्नौज, उदयपुर, कोटा आदि में होती है।
जूही की पौध कटिंग से लगाई जाती है, अप्रैल से सितंबर तक 20 से 30 सेंटीमीटर की शाखाएं जिनमें 3 से 4 नोड्स लगे हो, धरती में लगाने पे उनमे जड़ें निकल आती हैं।
आप इस प्रयोग को कर के देखें व परिणाम हमसे साझा करें।
जानकारी कैसी लगी ये भी बतायें तो हमारा उत्साहवर्धन होगा।
नोट: पोस्टर में दिखाए गए चित्र जीजिविषा सोसाइटी के गोद लिए हुए पार्क्स में से एक पौधे की है।
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