Flowers and Fragrences

पिछले सप्ताह हम आपके पास बेला और रात रानी के सुगंधित फूलों की जानकारी ले आये थे। जिसे आपका स्नेह मिला।
आज कुछ बातें मनोकामिनी के फूलों के विषय में!
मनोकामिनी के विषय मे एक बात सबसे पहले बताना चाहेंगे कि ये उन कुछ सुगंधित फूलों वाले पौधों में एक है जिन्हें पशु कम या नहीं चरते हैं, तो इन्हें आप ऐसी जगह पर भी लगा सकते हैं जहाँ पशुओं से सुरक्षा की व्यवस्था न या कम हो।
सफेद नन्हें फूलों वाला ये पौधा महाराष्ट्र में कुन्ती के नाम से और अंग्रेजी में Orange Jasmine के नाम से जाता है। वहीं इसका वैज्ञानिक नामकरण Murraya paniculata है।
अंग्रेजी के नाम से ही आप पता लगा सकते हैं कि ये भी जैस्मिन प्रजाति का पौधा है।
हल्की संतरे जैसी खुशबू के कारण ही इसका नाम ऑरेंज जैस्मिन रखा गया है।
मनोकामिनी मूल रूप से भारतीय पौधा है जो ऑस्ट्रेलिया में भी पाया जाता है और प्रायः कही भी उगाया जा सकता है।इसका आकार झाड़ी जैसा होता है किन्तु यदि इसे बढ़ने दिया जाए तो छोटे वृक्ष का आकार ले लेता है।
ये एक सदाबहार पौधा होता है जिसकी पत्तियां गाढ़े हरे रंग की होती हैं और सारे वर्ष इसमे फूल भी आते रहते हैं। फूल खिलने के बाद प्रायः गाढ़े लाल रंग के अंडाकार एक या दो बीज आते हैं। इन बीजों को सूखने के बाद नया पौधा उगाने के लिए प्रयोग में ला सकते हैं।
कम देखरेख में पनपने वाला पौधा होने व किसी भी प्रकार की मिट्टी में उगाए जाने के कारण यह बहुतायत में हेज बनाने के प्रयोग में लाया जाता है।
मनोकामिनी के फूल छोटे कीड़े मकोड़े व फ़ल छोटी चिड़िया को आकर्षित करते हैं।
यह फ़ोटो जीजिविषा सोसाइटी द्वारा अडॉप्ट किये गए कुछ पार्कों में से एक में उगाए गए मनोकामिनी के फूल की है। आप को यह हम कई बार बता चुके हैं कि जीजिविषा सोसाइटी बड़े पेड़ो के साथ साथ जैव विविधता( biodiversity) को उन्नत करने वाले पौधों को लगती तथा उनका रख रखाव करती है
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